इसी ख्याल से गुज़री है शाम ए दर्द अक्सर

इसी ख्याल से गुज़री है शाम ए दर्द अक्सर

इसी ख्याल से गुज़री है शाम-ए-दर्द अक्सर,
कि दर्द हद से जो गुज़रेगा "मुस्कुरा" दूंगा !!


Isee khyaal se guzaree hai shaam-e-dard aksar,
Ki dard had se jo guzarega "muskura" doonga !!